Thursday, August 28, 2008

न जानू की कौन हूँ मैं,??


न जानू की कौन हूँ मैं,
लोग कहते है सबसे जुदा हूँ मैं,
मैने तो प्यार सबसे किया,

पर न जाने कितनो ने धोखा दिया।


चलते चलते कितने ही अच्छे मिले,
जिनने बहुत प्यार दिया,
पर कुछ लोग समझ ना सके,

फिर भी मैने सबसे प्यार किया।


दोस्तो के खुशी से ही खुशी है,
तेरे गम से हम दुखी है,
तुम हंसो तो खुश हो जाऊंगा,
तेरे आँखो मे आँसु हो तो मनाऊंगा।


मेरे सपने बहुत बढे़ है,
पर अकेले है हम, अकेले है,

फिर भी चलता रहऊंगा,

मजिंल को पाकर रहऊंगा।


ये दुनिया बदल जाये पर कितनी भी,
पर मै न बदलऊंगा,

जो बदल गये वो दोस्त थे मेरे,

पर कोई ना पास है मेरे।


प्यार होता तो क्या बात होती,
कोई तो होगी कहीं न कहीं,
शायद तुम से अच्छी या,

कोई नहीं नही इस दुनिया मे तुम्हारे जैसी।


आसमान को देखा है मैने,
मुझे जाना वहाँ है,

जमीन पर चलना नही, मुझे जाना वहाँ है,

पता है गिरकर टुट जाऊंगा,
फिर उठने का विश्वास है
मै अलग बनकर दिखालाऊंगा।

पता नही ये रास्ते ले जाये कहाँ,
न जाने खत्म हो जाये,
किस पल कहाँ,

फिर भी तुम सब के दिलो मे जिंदा रहऊ............